नई दिल्ली, 15 दिसंबर: भारतीय संगीत जगत के महानतम तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन को लेकर एक दुखद खबर आई है। उन्हें अमेरिका के सैन फ़्रांसिसको स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, वह हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे हैं और इस वक्त उनकी हालत गंभीर है।
हृदय रोग से जूझ रहे हैं जाकिर हुसैन
एबीपी न्यूज़ से मिली जानकारी के मुताबिक, जाकिर हुसैन के करीबी सूत्रों ने पुष्टि की है कि उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं और वे अमेरिका में इलाज करा रहे हैं। उस्ताद हुसैन पिछले कुछ सालों से दिल की बीमारी से परेशान थे। करीब दो साल पहले, उन्हें दिल में ब्लॉकेज के कारण स्टेंट भी लगवाना पड़ा था।
संगीत में जाकिर हुसैन की शुरुआत
जाकिर हुसैन का संगीत करियर 7 साल की उम्र से शुरू हुआ था जब उन्होंने तबला वादन सीखा। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने देशभर में परफॉर्म करना शुरू कर दिया था। वे दिवंगत तबला उस्ताद अल्ला रखा खान के बेटे हैं और उन्होंने न केवल भारतीय संगीत में बल्कि विदेशी फिल्मों में भी अपना योगदान दिया है।
अमेरिका में रहते हैं जाकिर हुसैन
लगभग चार दशक पहले उस्ताद जाकिर हुसैन अपने परिवार के साथ अमेरिका के सैन फ़्रांसिसको में बस गए थे। उन्होंने विश्वभर में भारतीय संगीत का प्रचार किया और अपनी कला से लाखों दिलों में जगह बनाई।
भारत सरकार द्वारा सम्मानित
जाकिर हुसैन को उनकी असाधारण संगीत यात्रा के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं। भारत सरकार ने उन्हें 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्मभूषण, और 2023 में पद्मविभूषण जैसे सर्वोच्च सम्मान दिए। इसके अलावा, उन्हें 1990 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था।
ग्रैमी पुरस्कार से नवाजे गए
उस्ताद जाकिर हुसैन को अपने संगीत करियर में कुल 7 बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। उन्होंने 4 बार इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीता, जिनमें 2009 में ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट के लिए प्राप्त 51वें ग्रैमी अवार्ड्स भी शामिल है।
हम सभी उस्ताद जाकिर हुसैन की जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं, और उनके द्वारा भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर फैलाने के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।