न्यूज़ डेस्क, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 17 अक्टूबर को चंडीगढ़ में एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद आयोजित इस बैठक में विकास, सुशासन, और जनता की भलाई पर जोर दिया गया। बैठक में शामिल हुए नेताओं को प्रधानमंत्री ने सुशासन को प्राथमिकता देने और अपने-अपने राज्यों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की सलाह दी।
एनडीए गठबंधन की प्रतिबद्धता
पीएम मोदी ने एनडीए की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यह गठबंधन देश की प्रगति, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। उन्होंने नेताओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में सुशासन के मॉडल को लागू करें और इसे जनता की भलाई के लिए एक प्रमुख साधन बनाएं। यह बैठक एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों का इस तरह का पहला बड़ा सम्मेलन था, जिसमें 17 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए।
प्रो-पीपुल्स, प्रो-गवर्नेंस पर ध्यान देने की अपील
बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को सुशासन पर केंद्रित होकर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकारों को “प्रो-पीपुल्स” और “प्रो-गवर्नेंस” के सिद्धांतों पर चलते हुए जनता की समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान देना चाहिए।
बैठक में रखे गए छह प्रमुख प्रस्ताव
बैठक में छह प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा की गई। पहला प्रस्ताव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रखा, जिन्होंने हरियाणा में पार्टी की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों को दिया। शिंदे ने कहा कि किसानों, युवाओं और एथलीटों का पीएम मोदी के प्रति समर्थन एनडीए की जीत का महत्वपूर्ण कारण बना। इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2025 में ‘संविधान का अमृत महोत्सव’ मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का विश्वास
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि बैठक बहुत सकारात्मक रही। पीएम मोदी ने करीब चार घंटे बैठक में बिताए और सभी की बातें ध्यान से सुनीं। पवार ने कहा, “प्रधानमंत्री ने सभी को मार्गदर्शन दिया, और हम उसी दिशा में काम करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर उन्हें पूरा भरोसा है कि एनडीए ने बेहतरीन काम किया है और जनता का समर्थन मिलेगा।
बड़ी संख्या में एनडीए नेताओं की उपस्थिति
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सहित अन्य एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हुए।
अगले चुनावों के लिए तैयारियां तेज
भाजपा के इस सम्मेलन को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासकर महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में जहां अगले महीने चुनाव होने हैं। एनडीए अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर विपक्षी गठबंधन का मुकाबला करने की तैयारी कर रहा है।
निष्कर्ष
चंडीगढ़ में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए नेताओं से सुशासन को प्राथमिकता देने की अपील की और देश की प्रगति के लिए मिलजुल कर काम करने की बात कही। एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के बीच अच्छा तालमेल देखने को मिला, और सभी नेताओं ने विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।