आज हम बात करेंगे 16वें BRICS शिखर सम्मेलन में हुई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकातों की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के कज़ान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की। आपको बता दें, मसूद पेजेशकियन हाल ही में ईरान के राष्ट्रपति बने हैं, और यह उनकी और प्रधानमंत्री मोदी की पहली मुलाकात थी।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बैठक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पेजेशकियन को चुनाव में जीत की बधाई दी और ईरान के साथ भारत के सदियों पुराने संबंधों को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को मजबूत करने के कई पहलुओं पर चर्चा की। खासतौर से चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर भी अहम बातचीत हुई।
अब बात करें पश्चिम एशिया की स्थिति की, तो दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में जारी संघर्ष पर भी अपनी चिंता जाहिर की। प्रधानमंत्री मोदी ने खास तौर से नागरिकों की सुरक्षा और बातचीत के जरिए तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, राष्ट्रपति पेजेशकियन ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव की अहमियत को रेखांकित किया और संघर्ष को कम करने में भारत की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।
अफगानिस्तान का मुद्दा भी इस बैठक का एक अहम पहलू रहा। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता जारी रखने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। राष्ट्रपति पेजेशकियन ने BRICS और SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों में भारत की भूमिका की भी सराहना की और इन संगठनों में ईरान के प्रवेश में भारत के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
चाबहार बंदरगाह के संदर्भ में, भारतीय विदेश सचिव ने बताया कि इस बंदरगाह के विकास के लिए हाल ही में किए गए दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध पर हस्ताक्षर से दोनों देशों की क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत हुई है। यह परियोजना अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और मध्य एशिया के साथ व्यापारिक संबंधों के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अब जरा नज़र डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक पर। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गर्मजोशी से गले लगाया, और पुतिन ने भारत और रूस के बीच गहरे द्विपक्षीय संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारे रिश्ते इतने अच्छे हैं कि मुझे नहीं लगता कि आपको किसी अनुवादक की ज़रूरत है।” प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस दौरान दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती और व्यक्तिगत तालमेल पर प्रकाश डाला।
इस दौरान पश्चिम एशिया के तनावपूर्ण हालात पर भी चर्चा हुई, विशेषकर इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर। भारत ने पहले ही सभी पक्षों से संयम बरतने और कूटनीति के जरिए समाधान तलाशने की अपील की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बैठक में नागरिकों की सुरक्षा और हिंसा से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया।