आज की प्रमुख खबर। एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता baba siddique की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह घटना उस समय घटी जब बाबा सिद्दीकी पर उनके बेटे जीशान के कार्यालय के बाहर फायरिंग की गई। उन्हें तुरंत इलाज के लिए लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुखद रूप से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
कौन थे बाबा सिद्दीकी?
बाबा सिद्दीकी, जिनका असली नाम जियाउद्दीन सिद्दीकी था, न केवल एक प्रमुख राजनेता थे, बल्कि अपने भव्य इफ्तार पार्टियों के लिए भी जाने जाते थे। इन पार्टियों में बॉलीवुड के बड़े सितारे, जैसे शाहरुख खान और सलमान खान, अक्सर शिरकत करते थे। खासकर शाहरुख और सलमान के बीच लंबे समय तक चली दुश्मनी को समाप्त करने का श्रेय भी बाबा सिद्दीकी को ही दिया जाता है। आपको याद होगा कि 2008 में कैटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी के दौरान शाहरुख और सलमान के बीच हुए झगड़े ने काफी सुर्खियाँ बटोरी थीं। इस झगड़े के बाद दोनों ने कई सालों तक एक-दूसरे से बात तक नहीं की थी। लेकिन बाबा सिद्दीकी की एक इफ्तार पार्टी में, उन्होंने दोनों के बीच सुलह करवाई थी, जिसे आज भी बॉलीवुड में एक बड़ी घटना के रूप में देखा जाता है।
राजनीतिक करियर
baba siddique का राजनीतिक सफर भी काफी दिलचस्प रहा है। उन्होंने मुंबई के एमएमके कॉलेज से पढ़ाई की और अपने छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़ गए थे। वे लंबे समय तक कांग्रेस के सदस्य रहे, लेकिन हाल ही में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया था, जहां वे अजित पवार के गुट का हिस्सा बने थे।
सलमान खान के करीबी
बाबा सिद्दीकी सिर्फ राजनीतिक और सामाजिक जीवन में ही नहीं, बल्कि सलमान खान के जीवन में भी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। सलमान जब भी किसी कानूनी मुश्किल में फंसते थे, खासकर अदालत में पेशी के दौरान, बाबा सिद्दीकी अक्सर उनके साथ नजर आते थे। सलमान और बाबा की दोस्ती का किस्सा फिल्म इंडस्ट्री में भी काफी चर्चित रहा है।
आगे की जानकारी
पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, और गिरफ्तार किए गए दो संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। बाबा सिद्दीकी की हत्या से राजनीति और बॉलीवुड दोनों ही क्षेत्रों में शोक की लहर है। उनकी हत्या के कारणों और पूरी घटना की पृष्ठभूमि पर अभी जांच चल रही है।
बाबा सिद्दीकी, एक प्रमुख राजनेता और सलमान-शाहरुख जैसे सितारों के बीच सुलह कराने वाले व्यक्ति के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे