हर साल 19 नवंबर को International Men’s Day: जानें क्यों मनाया जाता है हर साल, इसका इतिहास, महत्व और थीम मनाया जाता है। यह दिन पुरुषों के योगदान और उनके स्वास्थ्य तथा कल्याण को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से समर्पित है। समाज में पुरुषों के द्वारा किए गए योगदान को सराहा जाता है और उनके सम्मान में यह विशेष दिवस मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज में पुरुषों के योगदान को उजागर करना और उनके स्वास्थ्य, कल्याण और जीवन से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। आमतौर पर पुरुषों से जुड़ी कई समस्याएं जैसे मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य और सामाजिक दबाव नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। इस दिन का उद्देश्य इन्हें प्राथमिकता देना और समाज में पुरुषों के योगदान को और अधिक सम्मानित करना है।
यह दिन भेदभाव और असमानता के खिलाफ भी एक संदेश है, क्योंकि समाज में हर व्यक्ति को समान अधिकार मिलने चाहिए। पुरुषों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह दिवस समाज में जागरूकता फैलाने का एक अहम जरिया बन चुका है।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 2024 की थीम
हर साल अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की एक विशेष थीम होती है, जो उस वर्ष के उद्देश्य को उजागर करती है। इस साल की थीम है: “पुरुष स्वास्थ्य चैंपियन” (Men’s Health Champions)। यह पुरुषों के स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता को बढ़ाने का प्रयास करती है, ताकि लोग पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को समझें और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1999 में वेस्टइंडीज के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलक सिंह ने की थी। उन्होंने अपने पिता का जन्मदिन मनाने के लिए इस दिन को विशेष रूप से पुरुषों के मुद्दों के लिए समर्पित किया। इसके बाद, 2007 में भारत में इस दिवस की शुरुआत हुई, जहां इसे पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जागरूकता लाने के लिए मनाया गया। तब से लेकर आज तक, हर साल 19 नवंबर को यह दिवस मनाया जाता है।