महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे ने राज्य की सियासी हलचल को और तेज कर दिया है। इस नारे को लेकर उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने अपनी असहमति जताई है। उन्होंने इस नारे का समर्थन करने से इंकार किया और इसके बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक है तो सुरक्षित है’ नारे का समर्थन किया।
एएनआई को दिए गए अपने साक्षात्कार में अजित पवार ने कहा, “मैंने इस नारे के खिलाफ अपनी असहमति पहले भी सार्वजनिक रूप से जाहिर की है। कुछ भाजपा नेताओं ने भी इस पर आपत्ति व्यक्त की है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मतलब है सबके साथ, सबका विकास। अब, ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’, मैं इसे इस नजरिए से देखता हूं।” पवार ने यह भी कहा कि यह नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, यह उत्तर प्रदेश में हो सकता है, लेकिन हमारे राज्य में ऐसा नहीं होगा।
वहीं, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ के नारे में कुछ गलत नहीं है। फडणवीस ने एएनआई से कहा, “हमारे देश का इतिहास गवाह है कि जब भी यह देश बंटा, हम गुलाम हुए। जब जातियों, राज्यों और समुदायों में बंटवारा हुआ, तो हम कमजोर हो गए। इसलिए अगर हम बंटेंगे तो कट जाएंगे। यह इतिहास है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस नारे पर आपत्ति जताना समझ से परे है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के प्रचार में अब जोर पकड़ चुका है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतगणना 23 नवंबर को होगी। दोनों प्रमुख गठबंधनों—सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए)—द्वारा वोटरों को लुभाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
अजित पवार ने आगामी चुनावों से पहले अपने अभियान पर बात करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य महायुति सरकार को वापस सत्ता में लाना है। उन्होंने कहा, “हम महायुति के सदस्य हैं और हम गठबंधन के लिए अधिक से अधिक वोट जीतने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसी उद्देश्य से काम कर रहे हैं और इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”