केन्या सरकार ने अमेरिकी अदालत के भ्रष्टाचार आरोपों के बाद भारत के अडानी ग्रुप के दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स रद्द करने का ऐलान किया है। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने गुरुवार को इन परियोजनाओं को रद्द करने की घोषणा की। ये कदम अमेरिकी अदालत द्वारा गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद उठाया गया है। आरोप है कि अडानी ग्रुप ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया।
पहला प्रोजेक्ट केन्या के मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार से जुड़ा था, जबकि दूसरा प्रोजेक्ट 700 मिलियन डॉलर का ऊर्जा सौदा था, जिसमें पावर ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण की योजना थी। इस सौदे पर पहले केन्या के ऊर्जा मंत्रालय ने अडानी समूह की सहायक कंपनी के साथ हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिकी अदालत में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी, ताकि वे सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर सकें। इसके अलावा, अडानी और उनके अन्य सहयोगियों पर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को महंगे सौर ऊर्जा खरीदने के लिए रिश्वत देने का भी आरोप है, हालांकि इन अधिकारियों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए उनका खंडन किया है। समूह का कहना है कि अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं, और वे इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाएंगे।
अडानी समूह ने हाल ही में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के 60 करोड़ डॉलर के बॉण्ड को रद्द कर दिया था। इससे पहले इस बॉण्ड को तीन गुना अभिदान प्राप्त हुआ था।
यह मामला अमेरिकी अदालतों में चल रहे दो अलग-अलग मामलों से जुड़ा है, जिसमें अडानी पर रिश्वत देने और प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप हैं।