चेन्नई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ईवीकेएस एलंगोवन का शनिवार (14 दिसंबर) को चेन्नई के एमआईओटी अस्पताल में आयु संबंधित बीमारियों के कारण निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे।
एलंगोवन, जो इरोड पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे, पिछले एक महीने से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्हें 11 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थगई ने उनके निधन को ‘‘बड़ी क्षति’’ बताया। उनका कहना था कि एलंगोवन एक मुखर नेता थे और उनका निधन उनके परिवार, कांग्रेस पार्टी और व्यक्तिगत रूप से उनके लिए अपूरणीय क्षति है।
इस मौके पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि एलंगोवन प्रभावशाली पेरियार परिवार से थे, जिनकी तमिलनाडु के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में गहरी छाप है। वह द्रविड़ आंदोलन के महत्वपूर्ण नेता पेरियार ईवी रामासामी के भतीजे ईवीके संपत के बेटे थे।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘एलंगोवन अपने बेटे और इरोड पूर्वी के पूर्व विधायक थिरुमहान एवरा की दुखद मौत के बाद काफी दुखी थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उपचुनाव लड़ा और लोगों की सेवा की।’’
एलंगोवन के बेटे, ई थिरुमहान इवेरा, का इस साल जनवरी में हृदयगति रुकने से निधन हो गया था। फरवरी 2023 में हुए उपचुनाव में एलंगोवन ने फिर से विधायक पद हासिल किया था।
एलंगोवन के योगदान को याद करते हुए पीएमके संस्थापक एस रामदास ने कहा कि उनका कांग्रेस पार्टी के लिए योगदान ऐतिहासिक था, खासकर जब पार्टी तमिलनाडु में महत्वपूर्ण मोड़ पर थी। वीसीके प्रमुख थोल थिरुमावलवन और भाजपा के राष्ट्रीय सह-प्रभारी पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
रेड्डी ने कहा, ‘‘एलंगोवन के साहसी और अथक प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा, जो उन्होंने दमनकारी शासन के खिलाफ खड़े होकर लोगों के कल्याण के लिए किए थे।’’