प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट क्यों जारी किया , कब होना होगा कोर्ट में पेश

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आज हम आपको बांग्लादेश से जुड़ी एक बड़ी और गंभीर खबर से रूबरू कराने जा रहे हैं। बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट और खूनी हिंसा के बाद वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया है। बांग्लादेश की एक अदालत ने शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध के गंभीर आरोपों में यह वॉरंट जारी किया है।

शेख हसीना ने बांग्लादेश से हेलिकॉप्टर के जरिए भागकर भारत का रुख किया और वह दिल्ली के पास स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरीं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, उनके ठिकाने की कोई ठोस जानकारी नहीं है, लेकिन उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। बांग्लादेश में हो रही इस राजनीतिक हलचल से देश में तनाव और अशांति का माहौल है।

गिरफ्तारी वॉरंट का कारण शेख हसीना के खिलाफ अदालत में अर्जी डालने वाले वकील मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताया है। उनका कहना है कि यह वॉरंट उन लोगों के लिए न्याय की उम्मीद है, जिन्होंने हालिया हिंसा में अपने प्रियजनों को खो दिया। शेख हसीना पर आरोप हैं कि उनके 15 साल के शासनकाल के दौरान बड़ी संख्या में विरोधियों को जेल में डाला गया, राजनीतिक हत्याएं हुईं, और व्यापक मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया।

बांग्लादेश इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल के मुख्य अधिवक्ता ताजुल इस्लाम के अनुसार, अदालत ने शेख हसीना को 18 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है। इस्लाम का कहना है कि शेख हसीना उन लोगों का नेतृत्व कर रही थीं जिन्होंने जुलाई से अगस्त के बीच हुई हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान ली। अदालत ने सिर्फ शेख हसीना ही नहीं, बल्कि उनकी पार्टी अवामी लीग के महासचिव कायदुल कादर के खिलाफ भी गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है।

आगे की कार्रवाई पर नजरें इस मामले में कुल 44 अन्य लोगों के भी गिरफ्तारी वॉरंट जारी किए गए हैं, हालांकि उनके नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश की राजनीति को हिला कर रख दिया है, और अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अदालत में शेख हसीना के खिलाफ चलने वाले ट्रायल में क्या होता है।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बांग्लादेश की एक अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और उन्हें 18 नवंबर तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

यह मामला न केवल बांग्लादेश, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजरों में है, क्योंकि शेख हसीना पिछले 15 सालों से बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज थीं। अब देखना होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या शेख हसीना को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

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