भारत ने कनाडा के आरोपों पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रभारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को किया तलब

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस): भारत और कनाडा के बीच एक बार फिर कूटनीतिक तनाव गहरा हो गया है। भारत ने सोमवार को अपने उच्चायुक्त को कनाडा से वापस बुलाने का फैसला किया है। यह कदम तब उठाया गया जब कनाडा ने भारत पर अपने एक नागरिक की हत्या में संलिप्त होने का आरोप लगाया। इसके बाद भारत ने कनाडा के प्रभारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को तलब कर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया।

कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार के एजेंटों का हाथ कनाडा में हुए एक कनाडाई नागरिक की हत्या में है। इस संबंध में कनाडा सरकार ने भारत को सबूत भी उपलब्ध कराए हैं। विदेश मंत्रालय से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए स्टीवर्ट व्हीलर ने कहा, “कनाडा ने भारत सरकार को उन सबूतों के बारे में जानकारी दी है, जो कनाडा में हुई एक हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संबंधों की पुष्टि करते हैं। अब भारत को इन आरोपों पर गंभीरता से गौर करना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए। हम इस मामले में भारत के साथ सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”

कनाडा के इस आरोप का केंद्र हरदीप सिंह निज्जर की हत्या है, जो कि भारत द्वारा घोषित एक आतंकवादी थे। निज्जर की पिछले साल कनाडा में हत्या हो गई थी, और हाल ही में कनाडा सरकार ने आरोप लगाया है कि इस हत्या के पीछे भारतीय एजेंटों का हाथ हो सकता है। इस मामले को लेकर कनाडा ने भारत सरकार को सूचना दी कि इस जांच में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों के नाम सामने आ रहे हैं।

भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह बेबुनियाद और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, “कनाडा में हमारे उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इससे न केवल उग्रवाद को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राजनयिकों की सुरक्षा को भी खतरा पैदा होगा। हम कनाडा सरकार की प्रतिबद्धता पर भरोसा नहीं कर सकते, और इसीलिए हमने अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।”

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “कल हमें कनाडा से एक डिप्लोमेटिक कम्युनिकेशन मिला था, जिसमें कहा गया कि हमारे उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक एक जांच के तहत ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ हैं। हम इन आरोपों को खारिज करते हैं और इन्हें कनाडा सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा मानते हैं, जो वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित हैं।”

बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में भी भारत पर इसी तरह के आरोप लगाए थे, लेकिन इसके बावजूद कनाडा ने कोई ठोस सबूत साझा नहीं किए हैं। “बार-बार बिना किसी ठोस तथ्य के आरोप लगाना एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक फायदे के लिए भारत को बदनाम करना है,” बयान में कहा गया।

इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में और अधिक खटास आने की संभावना है। भारत ने कनाडा सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के तहत ऐसे आरोप लगाने का आरोप लगाया है और साफ किया है कि वह इन आरोपों को गंभीरता से नहीं लेगा।

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