बाबा सिद्दीकी कौन थे और क्या रिश्ता था शाहरुख और सलमान के साथ उन का

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आज की बड़ी ख़बर। एनसीपी अजीत पवार गुट के प्रमुख नेता और बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के करीबी, बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना शनिवार रात को हुई, जिसने राजनीतिक और मनोरंजन जगत दोनों को हिलाकर रख दिया है।

राजनीति और बॉलीवुड का जुड़ाव
बाबा सिद्दीकी सिर्फ एक राजनेता ही नहीं थे, बल्कि वे बॉलीवुड के सितारों, खासकर सलमान खान और शाहरुख खान के साथ अपनी गहरी दोस्ती के लिए भी जाने जाते थे। उनकी इफ्तार पार्टियाँ हमेशा से सुर्खियों में रहती थीं, और इन पार्टियों में सलमान और शाहरुख जैसी हस्तियां शामिल होती थीं। लेकिन बाबा सिद्दीकी की दोस्ती केवल पार्टियों तक सीमित नहीं थी। वे फिल्म इंडस्ट्री में रिश्ते सुधारने और विवाद खत्म करने में भी अहम भूमिका निभाते थे।

सलमान और शाहरुख के बीच सुलह का नायक
एक ऐसी ही घटना थी साल 2008 का झगड़ा, जब सलमान और शाहरुख खान के बीच कड़वाहट पैदा हो गई थी। यह झगड़ा कैटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी के दौरान हुआ था, और उसके बाद दोनों ने लगभग पांच साल तक एक-दूसरे से बात नहीं की। इंडस्ट्री में इन दोनों खान की दोस्ती के टूटने की खबरें हर तरफ थीं। कोई पुख्ता वजह सामने नहीं आई, लेकिन इतना जरूर था कि दोनों एक-दूसरे से कतराने लगे थे।

इस दौरान, अगर कोई इवेंट होता, तो अगर सलमान वहाँ होते तो शाहरुख नहीं जाते और अगर शाहरुख मौजूद होते, तो सलमान वहां नहीं दिखाई देते। लेकिन फिर आई साल 2013 की वो ऐतिहासिक इफ्तार पार्टी, जिसने सब कुछ बदल दिया।

2013 की इफ्तार पार्टी: सुलह का मोड़
2013 में बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी में दोनों सितारों को आमंत्रित किया गया था। बाबा सिद्दीकी की पहल पर उस पार्टी में सलमान और शाहरुख पहली बार इतने सालों बाद आमने-सामने आए। दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया, और यह पल बॉलीवुड के इतिहास में खास बन गया। उसी पार्टी से शुरू हुई उनकी सुलह ने दोनों को फिर से अच्छे दोस्त बना दिया। इस घटना ने साबित किया कि बाबा सिद्दीकी न केवल राजनीति में बल्कि रिश्तों को संजोने और सुधारने में भी माहिर थे।

बाबा सिद्दीकी का व्यक्तित्व
बाबा सिद्दीकी का असली नाम जियाउद्दीन सिद्दीकी था। वे मुंबई के एमएमके कॉलेज से पढ़े थे और राजनीति में शुरुआती दिनों से ही सक्रिय रहे। कांग्रेस के सदस्य रहते हुए वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे, लेकिन हाल ही में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में अजित पवार के गुट का साथ दिया था। बाबा का व्यक्तित्व उन्हें लोगों के दिलों के करीब ले जाता था। वे न केवल राजनीति में बल्कि समाजिक और व्यक्तिगत रिश्तों में भी अपनी अहम भूमिका निभाते थे।

घटना और जांच
बाबा सिद्दीकी की हत्या से उनके परिवार, समर्थकों और दोस्तों में गहरा शोक व्याप्त है। इस मामले में दो संदिग्धों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, और घटना की पूरी जांच की जा रही है। उनकी इस दुखद मौत ने राजनीति और बॉलीवुड दोनों में हलचल मचा दी है।

बाबा सिद्दीकी, जिनकी पार्टी और दोस्ती के किस्से मशहूर थे, अब हमें उनकी यादों में ही मिलेंगे।

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