देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है। पिछले कुछ दिनों से वह बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। रतन टाटा ने अपने जीवन में देश और दुनिया को न केवल एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य दिया, बल्कि समाज सेवा में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। टाटा समूह की कुल संपत्ति करीब 165 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी जाती है। अब बड़ा सवाल यह है कि रतन टाटा के बाद उनकी विरासत को कौन संभालेगा?
रतन टाटा का उत्तराधिकारी फिलहाल स्पष्ट नहीं है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में किसी को आधिकारिक तौर पर उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया था। ऐसे में अब उनके ट्रस्ट के ट्रस्टी में से ही नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
टाटा समूह के दो प्रमुख ट्रस्ट हैं—सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट, जिनके पास टाटा संस में करीब 52% हिस्सेदारी है। यही हिस्सेदारी टाटा समूह की कंपनियों का संचालन करती है। यह समूह विमानन से लेकर एफएमसीजी जैसे कई क्षेत्रों में काम करता है।
इन दोनों ट्रस्टों में कुल 13 ट्रस्टी शामिल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं—पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह, ऑटोमोबाइल सेक्टर के दिग्गज वेणु श्रीनिवासन, रतन टाटा के सौतेले भाई और ट्रेंट के चेयरमैन नोएल टाटा, व्यवसायी मेहली मिस्त्री, और प्रख्यात वकील डेरियस खंबाटा। इन ट्रस्टियों में से ही एक को रतन टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
रतन टाटा का योगदान और उनकी जीवन यात्रा आने वाले वर्षों तक प्रेरणा देती रहेगी, और अब उनके बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन उनकी विरासत को संभालकर टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।